नमस्ते यात्रीगण आप सभी का thetravellers365 मे स्वागत है। जैसा की हम सभी जानते है की हमारा भारत – संस्कृति, धर्म,आस्था और इतिहास से परिपूर्ण देश है जो की धार्मिक स्थल होने के कारण यहाँ चार धाम यात्रा का बहुत ही महत्व है।
परन्तु अक्सर लोग Char Dham Yatra Name या भारत के चार धाम के नाम व स्थान को लेकर थोड़ी दुविधा में रहते है आइये हम इसी विषय को स्पष्ट करते है ।
दरअसल भारत के अंतर्गत दो तरह के Char Dham yatra का उल्लेख किया जाता है जो की –
- छोटा चार धाम या उत्तराखंड का चार धाम
- भारत के चार धाम
आइये थोडा विस्तार पूर्वक समझते है –
छोटा चार धाम – Chota Char Dham
ये जो Char Dham Yatra है, ये ऊतराखंड का Char Dham कहलाता है जिसे छोटा Char Dham भी कहते है जिसके अंतर्गत यमनोत्रि / गंगोत्री / केदारनाथ एवं बद्रीनाथ धाम आता है और यह सभी धाम देव भूमि उत्तराखंड की पहाड़ियों पर विराजमान है तथा भारतीय धर्म के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक माने जाते हैं। यह चार तीर्थस्थल हैं जिन्हें यात्रा करने का परंपरागत तरीका है और इनका महत्व हिन्दू धर्म में विशेष माना जाता है। इन चार धामों का संबंध मुख्य रूप से भारत के उत्तराखंड राज्य से होता है। जो हिमालयन श्रृंगों में स्थित हैं।
चार धाम यात्रा को सम्पूर्ण करने के लिए यात्री यमुनोत्री से शुरू करते हैं, फिर गंगोत्री, केदारनाथ और अंत में बद्रीनाथ जाते हैं।
- यमुनोत्री – Yamunotri
यमुनोत्री धाम छोटा चार धाम का पहला धाम है और ये उत्तराखंड राज्य के जानकीचट्टी में स्थित है और यमुना नदी का प्रारंभिक स्रोत भी है। यहां नदी के किनारे यमुनोत्री मंदिर विस्थापित है जहां माता यमुना जी की पूजा अर्चना की जाती है। लोग यहाँ यमुना नदी के पवित्र जल को अपने घर भी ले जाते हैं।
- गंगोत्री – Gangotri
गंगोत्री धाम छोटा चार धाम का दूसरा धाम है और यह उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित है। यहां पर गंगा नदी का उद्गम स्थल है और गंगा मईया का मंदिर भी विस्थापित है।मान्यता है कि यहीं से गंगा माँ का जल लेकर रामेश्वरम के शिवलिंग पर चढ़ाया जाता है ।
- केदारनाथ – Kedarnath
केदारनाथ चार धाम का तीसरा धाम है और यह उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग जिले में स्थित है। यहां पर भगवान शिव का प्रमुख मंदिर है और यहां पर पञ्च केदार के पांच शिवलिंगों में से एकशिवलिंग स्थापित है।
- बद्रीनाथ – Badrinath
बद्रीनाथ छोटा चार धाम का चौथा और अंतिम धाम है और इसे उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है। यहां पर भगवान विष्णु जी का मंदिर है जिनकी भगवान बद्रीनाथ के रूप में पूजा अर्चना की जाती है।
चार धाम
भारत के चार धाम – India Char Dham Yatra
हमारे भारत का चारधाम अलग है जो भारत के चारों दिशाओं में विस्थापित है जिसमें
बदरीनाथ – (उत्तराखंड -)/ रामेश्वरम – (तमिलनाडु) / जग्गन्नाथ पुरी – (ओडिशा) / द्वारिका पुरी – (गुजरात) मे आता है और इन चारो धामों को मिलाकर भारत का चार धाम कहा जाता है।
ये चारों धाम हिंदू यात्रियों के लिए पवित्र स्थल हैं और चारधाम यात्रा को पूरा करना हिन्दू धर्म में बड़ा ही धार्मिक महत्व है। जिसके अंतर्गत –
- बदरीनाथ – Badrinath (उत्तराखंड):
यह धाम हिमालय की उत्तरी ओर स्थित है और उत्तराखंड राज्य में है। यहां बदरीनाथ मंदिर स्थित है, जो हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण तीर्थस्थान माना जाता है। यह छोटा चार धाम का भी एक धाम है।
- रामेश्वरम – Rameswaram (तमिलनाडु):
यह धाम भारतीय महासागर के पाश्चात्य तट पर स्थित है और तमिलनाडु राज्य में है। यहां रामेश्वरम मंदिर स्थित है, जो भगवान राम जी को समर्पित है और शिवलिंग की पूजा की जाती है ।
- जगन्नाथ पुरी – Jagannath Puri (ओडिशा):
यह धाम ओडिशा राज्य में स्थित है और भगवान जगन्नाथ जी के लिए प्रसिद्ध है। यहां जगन्नाथ पुरी नाम से मंदिर स्थित है, जो जगन्नाथ, बालभद्र और सुभद्रा जी को समर्पित है।
- द्वारिका पुरी – Dwarka Puri (गुजरात):
यह धाम गुजरात राज्य में स्थित है और भगवान कृष्ण जी के लिए प्रसिद्ध है। यहां द्वारिका मंदिर स्थित है, जो कृष्ण भगवान के प्रमुख मंदिरों में से एक है।
यह चारधाम यात्रा को एक साथ पूरा करना कठिन हो सकता है। क्योंकि ये चार धाम भारत के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित हैं और इनके बीच दूरी भी काफी ज्यादा है और काफी समय भी लग जाता है।
FAQ
Ques – चार धाम यात्रा का क्रम क्या है?
- चार धाम यात्रा को सम्पूर्ण करने के लिए यात्री यमुनोत्री से शुरू करते हैं, फिर गंगोत्री, केदारनाथ और अंत में बद्रीनाथ जाते हैं।
- भारत के चार धाम भगवान बद्रीनाथ – उत्तराखंड से शुरू हो कर द्वारका – गुजरात फिर जगन्नाथ पुरी – उड़ीसा से होकर तमिलनाडु के रामेश्वरम पर यात्रा समाप्त होती है।