बनारस!
आस्था का एक ऐसा शहर, जहाँ हर मोड़ पर एक मंदिर है और उस मंदिर से जुड़ा है एक इतिहास, एक विश्वास और उस विश्वास से जुड़ी है काशी वासियों की आस्था,
तभी तो वाराणसी को मंदिरों का शहर कहा जाता है।
यूँ तो बनारस मे 3 हज़ार से ज़्यादा प्रसिद्ध मंदिर है जिनका अपना ही एक अलग महत्व है, इन सभी मंदिरों के विषय मे जानने की कोशिश करे तो सालो बीत जाये।
फ़िलहाल हम वाराणसी के कुछ प्रसिद्ध मंदिरों के बारे मे जानेंगे जिनके दर्शन के लिए देश विदेश से लोग आते रहते है।
आइए और क़रीब से जाने सबसे प्राचीन शहर वाराणसी के प्रसिद्ध मंदिर के बारे मे।
List of the most “famous temple in Varanasi”.
काशी विश्वनाथ मंदिर – Kashi Viswanath Temple
सबसे पहले स्थान पर है “काशी विश्वनाथ मंदिर” जो बनारस का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है। माँ गंगा तट के समीप बसा ये मंदिर काशी का गौरव दर्शाता है।
विश्वनाथ कॉरिडोर के विस्तारीकरण के बाद से से यह मंदिर और भी भव्य लगने लगा है।
मंदिर में विस्थापित ज्योतिर्लिंग -12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जिसके दर्शन के लिए दूर दूर से लोग आते है।
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माँ अन्नपूर्णा मंदिर – Maa Annpurna Temple
काशी विश्वनाथ मंदिर के गेट से 10-20 कदम की दूरी पर ही मां अन्नपूर्णा जी का मंदिर है। इस मंदिर में मां अन्नपूर्णा जी की मूर्ति स्थापित है,
यहाँ प्रसाद के रूप कच्चे चावल या कोई अन्न दिया जाता है जिसे लोग अपने रसोई में अन्न के साथ रखते है जिससे माँ अन्नपूर्णा जी कृपा बनी रेहती है और अन्न की कभी कमी नहीं होती।
वहीं मंदिर प्रांगण में माँ काली जी के भव्य रूप के साथ साथ और भी बहुत से देवी देवताओं की प्रतिमाएँ भी विस्थापित है, तो आप भोले नाथ के दर्शन के पश्चात माँ अन्नपूर्णा जी के दर्शन ज़रूर करे।
कालभैरव मंदिर – Kalbhairav Temple
विश्वनाथ मंदिर से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर विशेश्वरगंज नाम की जगह पर काल भैरव मंदिर स्थित है जहाँ काशी के कोतवाल काल भैरव बाबा विराजमान है ।
कोतवाल का तात्पर्य नगर के उच्च पद से होता है जिसे नगर का रक्षक भी कहा जाता है ।
कहते है की बनारस आ कर सबसे पहले काल भैरव बाबा के दर्शन प्राप्त करना चाहिये और उनकी आज्ञा ले कर ही काशी भ्रमण को जाना चाहिये क्योंकि कहते है बिना उनकी मर्ज़ी के ना कोई बनारस आ सकता है और ना कोई जा सकता है।
मृतुंजय महादेव मंदिर – Mrityunjaya Mahadev Temple
वैसे तो वाराणसी – काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए प्रसिद्ध है परन्तु विश्वनाथ मंदिर के साथ-साथ बनारस में भोले नाथ के ऐसे कई मंदिर है जो उतने ही दिव्य है और औलोकिक है।
कालभैरव मंदिर से लगभग 500 मीटर की दूरी पर दारानगर नाम की जगह पर महामृतुंजय मंदिर विस्थापित है जिसका एक अलग ही धार्मिक महत्व है।
मंदिर प्रांगण में कई सारे अलग अलग शिवलिंग और ज्योतिर्लिंग के रूप भी विराजमान है। तो अपने लंबे और समृद्ध आयु के लिए भोले बाबा के इस अवतार का दर्शन ज़रूर करे।
मंदिर प्रांगढ़ के अंदर एक कुआँ है जिसका महत्व है की इसके पानी में कई साड़ी औषधिया मिली हुई है जिसको पिने से कई सारे बीमारियों से बचा जा सकता है।
दुर्गा माता मंदिर – Durga Temple
वाराणसी के जाने माने मंदिरों में से एक – यह सिद्ध पिठ मंदिर काशी में नवदुर्ग मंदिरों में से एक है। नवरात्र में यहाँ काफ़ी श्रध्दालुओ की भीड़ होती है, जिसमें ज़्यादातर महिलायें अपने मन्नत को पूरा करने के लिए यह दर्शन ज़रूर करती है।
तुलसी मानस मंदिर – Tulsi Manas Temple
दुर्गा मंदिर के समीप ही लगभग 500 मीटर की दूरी पर राम लक्ष्मण सीता जी का एक भव्य मंदिर है जिसे मानस मंदिर कहा जाता है । मंदिर के आस पास के परिसर में कृष्ण जी के लीला से जुड़ी झकियाँ और कई सारे देवी देवताओं को विस्थापित किया गया है तो दुर्गा मंदिर के बाद इस मंदिर में दर्शन ज़रूर करे।
संकटमोचन मंदिर – Sankath Mochan Temple
यह विश्व विख्यात मंदिर हमे हर संकटों से बचाने वाले महाबली श्री हनुमान जी का मंदिर है। इसलिए इसे संकट मोचन मंदिर कहते है।
काफ़ी बड़े परिसर में फैला यह मंदिर जिसमें एक तरफ़ बजरंग बलि अपने दिव्य रूप में तो दूसरी तरफ़ ठीक सामने श्री राम सीता लक्ष्मण जी आशीर्वाद देते हुए विराजमान है।
तो ट्रैवलर्स अपने संकटों को दूर करने के लिए संकट मोचन मंदिर ज़रूर आए।
BHU बिड़ला मंदिर – Birla Temple
New काशी विश्वनाथ मंदिर के नाम से प्रसिद्ध यह मंदिर काफ़ी मनमोहक मंदिर है। BHU यानी बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के परिसर में विस्थापित यह मंदिर जिसके चारो तरफ़ हरियाली व शांत वातावरण आपका मन मोह लेती है। तो आप जब भी वाराणसी आये तो थोड़ा सा समय निकाल कर यहाँ ज़रूर आए।
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